मेडिटेशन क्या है, इसे कितने तरीकों से किया जा सकता है?

मेडिटेशन (Meditation):-

तनावपूर्ण जीवनशैली में मेडिटेशन आपको रिलैक्स करने में मदद करता है | जब अक्सर हमारी इंद्रियां सुस्त हो जाती हैं तो मेडिटेशन हमें जागरूकता बढ़ाने का अवसर देता है | शोध बताते हैं कि मेडिटेशन हमें अस्थायी रूप से तनाव से राहत दे सकता है | इसके आराम और सुखदायक लाभों के कारण, हेल्दी और एक्टिव लाइफ के लिए एक्सपर्ट मेडिटेशन करने की सिफारिश करते हैं | सबसे ज्‍यादा तनाव मुक्‍त जीवन के लिए योग के अंतर्गत योगासान, प्रणायाम, ध्‍यान यानि मेडिटेशन को दुनिया भर के लोग अपना रहे हैं | लेकिन अक्‍सर देखने में यह आ रहा है कि इन प्रक्र‍ियाओं के इतने तरीके या पद्धतियां सामने आ गईं हैं कि अक्‍सर लोग भ्रमित में हो जाते हैं कि कौन बेहतर है और कौन नहीं | आइये सबसे पहले जानते हैं मेडिटेशन के प्रकार |

मेडिटेशन के प्रकार:-

  • आध्यात्मिक मेडिटेशन
  • विपश्यना मेडिटेशन
  • माइंडफुलनेस मेडिटेशन
  • जेन मेडिटेशन
  • शिव मेडिटेशन
  • राजयोग मेडिटेशन
  • ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन
  • मंत्र मेडिटेशन
  • मूवमेंट मेडिटेशन
  • फोकस मेडिटेशन |

आध्यात्मिक मेडिटेशन:

हिंदू और ईसाई धर्म में पॉपुलर, आध्यात्मिक ध्यान आपको अपने ईश्वर के साथ एक गहरा संबंध बनाने में मदद करता है | इस ध्यान का अभ्यास करने के लिए आपको इतना सुनिश्चित करना है कि आप मौन में बैठें और अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें | ध्यान करते हुए आप का हर एक विचार आपकी सांसों पर केंद्रित होना चाहिए |

आध्यात्मिक ध्यान आपको मोह-माया से अलग दुनिया को देखने में मदद करता है | इसके निरंतर उपयोग से आप अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने में समर्थ होते हैं | इससे विचारों और अपेक्षाओं की पूर्ति के लिए नई मानसिक ऊर्जा का आप में संचार होता है |

विपश्यना मेडिटेशन:-

ध्यान का यह तरीका सबसे प्राचीन माना गया है | बताया जाता कि ध्यान के इस तरीके को करीब 2500 साल पहले महात्मा बुद्ध ने प्रचारित और प्रसारित किया गया था | मेडिटेशन का यह प्रकार आज व्यापक रूप से उपयोग में लाया जाता है | इसकी सहायता से मनुष्य अपने मन के भीतर झांक कर खुद को समझने की कोशिश करता है | इसकी सहायता से मनुष्य अपने विचारों व भावनाओं को नियंत्रित करने के साथ सही और गलत में फर्क करने की क्षमता को विस्तार देने में समर्थ होता है |

माइंडफुलनेस मेडिटेशन :-

माइंडफुलनेस मेडिटेशन का ध्यान का एक रूप है जो अभ्यास करने वाले व्यक्ति को वर्तमान में जागरूक और उपस्थित रहने में मदद करता है | इस मेडिटेशन के अभ्यास से आप खुद को सचेत और सतर्क बना सकते हैं | इसके अभ्यास के दौरान आप अपने आस-पास हो रही सभी गतिविधियों, ध्वनियों और महक पर ध्यान केंद्रित करते हैं | इसका अभ्यास कहीं भी, कभी भी किया जा सकता है |

जेन मेडिटेशन:-

मेडिटेशन का यह प्रकार चीनी बौध धर्म द्वारा प्रचारित और प्रसारित किया गया | बता दें कि ध्यान का यह तरीका माइंडफुलनेस मेडिटेशन के अंतर्गत आता है, जिसमें दिमाग को एकाग्र करने पर खास ध्यान दिया जाता है | ध्यान की इस मुद्रा में आपको सुखासन मुद्रा में बैठकर और हाथों को आपस में मिलाते हुए बैठना होता है | ध्यान की इस स्थिति में आपको मुख्य रूप से अपने दैनिक कार्यों पर ध्यान लगाने की आवश्यकता होती है | ध्यान का यह प्रकार आपको दिमागी रूप से विकसित और समृद्ध बनाने में सहायक माना जाता है | इसका अभ्यास एक ट्रेंड प्रोफेशनल के मार्गदर्शन में करना चाहिए। इसके अभ्यास में कुछ विशेष स्टेप्स और आसन शामिल होते हैं |

 शिव मेडिटेशन:-

शिव ध्यान आध्यात्मिक ध्यान का ही एक प्रकार है | इसमें आप एक आध्यात्मिक ऊर्जा को केंद्र बिंदु मानकर अपना ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करते हैं | यह प्रक्रिया आपको चेतन मन के परे ले जाकर अपने अचेतन मन में झांकने के लिए प्रेरित करती है | इससे दुनिया को समझने और उसे अनुभव करने के नजरिए में बदलाव महसूस होता है |

राजयोग मेडिटेशन:-

ध्यान के इस प्रकार का उल्लेख सबसे पहले श्रीमद्भगवत गीता में किया गया था | वहीं, 19वीं शताब्दी में स्वामी विवेकानंद ने इस प्रकार को प्रचारित और प्रसारित किया | ध्यान का यह प्रकार आपको शांत रहने और खुद का निरीक्षण करने में मदद करता है | इससे आपके व्यक्तित्व में गंभीरता का भाव पनपता है | इस योग की खास बात यह है कि इसमें किसी प्रकार के मंत्रों का उपयोग नहीं किया जाता | योग की इस प्रक्रिया में आप अपनी आंखें खुली रख कर ध्यान लगा सकते हैं |

ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन:-

मेडिटेशन के इस प्रकार में मनुष्य अपने भीतर यानी अचेतन मन में झांकने का प्रयास करता है | इसके लिए किसी खास मंत्र का उपयोग भी किया जा सकता है | यह आपको भौतिक बाधाओं (दुख, सुख, खुशी और गम) से दूर ले जाकर अपने अस्तित्व का एहसास कराता है | जो आपको यह समझने में मदद करता है कि भौतिक चीजों का दुनिया में कोई भी मोल नहीं हैं |

मंत्र मेडिटेशन:-

मंत्र मेडिटेशन ध्यान का एक ऐसा प्रकार है, जो ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन के अंतर्गत ही आता है | इसमें अपने ध्यान को केंद्रित करने के लिए मंत्रों का इस्तेमाल किया जाता है | ध्यान रहे यहां मंत्रों से अर्थ किसी धार्मिक परिवेश से जुड़ा हुआ नहीं है | यहां मंत्र का अर्थ किसी शब्द, वाक्य, गाने या कुछ और जिसे बोलने से आपको खुशी या संतुष्टि का एहसास हो सकता है, उससे है |

मूवमेंट मेडिटेशन:

मेडिटेशन का यह प्रकार माइंडफुलनेस मेडिटेशन के अंतर्गत आता है | बता दें कि ध्यान के इस प्रकार में किसी एक कार्य को लक्ष्य मानकर प्रयास किया जा सकता है | इसे हठ योग भी कहा जा सकता है | मेडिटेशन की यह प्रक्रिया किसी विशेष कार्य की पूर्ति होने तक उस पर आपका ध्यान केंद्रित करने में आपकी मदद करती है | ध्यान के इस प्रकार की खास बात यह है कि इसे चलते-फिरते किया जा सकता है |

फोकस मेडिटेशन:-

ध्यान का यह प्रकार विपश्यना मेडिटेशन के अंतर्गत ही आता है | इसमें व्यक्ति किसी मूर्ती, वस्तु या फिर अपनी अंतरात्मा पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करते हैं | इस प्रक्रिया को नियमित अपनाने से इंसान का दिमागी विकास होता है | साथ ही किसी काम को केंद्रित होकर करने की क्षमता पैदा होती है |

मैडिटेशन करते समय इन बातों का रखें ख्याल:-

  • मेडिटेशन के लिए समय का अपना एक अलग महत्व होता है | यही वजह है कि मेडिटेशन करने के लिए सूर्योदय के समय को सबसे अच्छा माना जाता है |
  • मेडिटेशन करने के लिए दिमाग का शांत होना बहुत जरूरी है, क्योंकि अगर आपका ध्यान अन्य चीजों में लगा रहेगा, तो मन को एकाग्रचित कर पाने में आप सक्षम नहीं हो पाएंगे | इसलिए, शांत वातावरण यानी एकांत का होना बहुत जरूरी है |
  • मेडिटेशन में कपड़ों का चुनाव भी अहम भूमिका निभाता है | इसलिए, यह जरूरी है कि इस दौरान हल्के और आरामदायक कपड़ों को इस्तेमाल में लाया जाए |
  • मेडिटेशन शुरू करने से पहले हल्का वार्म अप (15 से 20 मिनट) जरूर करें | इससे पूरे शरीर में खून का संचार होना शुरू हो जाएगा, जो मेडिटेशन की प्रक्रिया में मददगार साबित होता है |
  • मेडिटेशन खाली पेट ही करना चाहिए | इससे आप अपने शरीर की सारी ऊर्जा का इस्तेमाल ध्यान केंद्रित करने में कर पाएंगे |
  • मेडिटेशन के दौरान आपको गहरी सांस लेनी चाहिए और फिर उसे धीरे-धीरे बाहर छोड़ना चाहिए | साथ ही आपको इस प्रक्रिया को करने में अपने पूरे ध्यान को लगाने की कोशिश करनी चाहिए |