G20 2023: जी 20 क्या है कैसे काम करता है

ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। यह सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक संरचना और अधिशासन निर्धारित करने तथा उसे मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

जी-20 क्या है?

जी-20 का गठन साल 1999 में हुआ था। इसको ग्रुप ऑफ ट्वेंटी भी कहा जाता है। यह यूरोपियन यूनियन और 19 देशों का एक अनौपचारिक समूह है। जी-20 शिखर सम्मेलन में इसके नेता हर साल जुटते हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को बढ़ाने पर चर्चा करते हैं।

G20 summit 2023 Lucknow Uttar Pradesh: जी 20 विदेशी मेहमानों के लिए बड़े इमामबाड़े के साथ रूमी गेट, नौबतखाना, शाही तालाब समेत हुसैनाबाद ट्रस्ट प्रॉजेक्ट की सभी इमारतों में फसाद लाइटिंग के साथ म्यूजिकल फाउंटेन और लेजर शो भी चलाया जाएगा। यही नहीं, जी-20 सम्मेलन के आयोजन स्थल से हेरिटेज जोन तक का पूरा रास्ता वर्टिकल गार्डन, लाइटिंग और वॉल पेंटिंग से सजा दिया गया है।

G20 की स्थापना

G20 की स्थापना 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में की गई थी।

जी 20 में ये देश हैं शामिल

अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका।

जी-20 में दो समानांतर ट्रैक होते हैं। वित्त ट्रैक और शेरपा ट्रैक। शेरपा पक्ष की ओर से जी-20 प्रक्रिया का समन्वय सदस्य देशों के शेरपाओं द्वारा किया जाता है जो नेताओं के निजी प्रतिनिधि होते हैं। वित्त ट्रैक का नेतृत्व सदस्य देशों के वित्त मंत्री और सेंट्रल बैंक के गवर्नर करते हैं। दोनों ट्रैक के अंदर कार्य समूह हैं जिनमें सदस्यों के संबंधित मंत्रालयों के साथ आमंत्रित/अतिथि देशों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेते हैं। वित्त ट्रैक मुख्य रूप से वित्त मंत्रालय के नेतृत्व में है। यह कार्य समूह हर अध्यक्षता के पूरे कार्यकाल में नियमित बैठकें करते हैं। शेरपा पूरे साल के दौरान हुई वार्ताओं का पर्यवेक्षण करते हैं। शिखर सम्मेलन के लिए एजेंडे पर चर्चा करते हैं। जी 20 का सबसे बड़ा मकसद आर्थिक सहयोग है। इसमें शामिल देशों की कुल जीडीपी दुनियाभर के देशों की 80 फीसदी है।