Computer जनरेशन क्या है ? Computer Generation Kya Hai in Hindi

कंप्यूटर जनरेशन को समझाइए (Computer Generation)

जिस तरह हम मनुष्यों की पीढियां होती है ठीक उसी प्रकार Computer की भी पीढियां है इसकी शुरुआत 1940 से शुरु हुई थी हर एक पीढ़ी के अंतर्गत कम्प्यूटर मे कुछ न कुछ विकास किया गया है पहले कम्प्यूटर आकार मे बहुत बड़े हुआ करते थे जो उसकी पीढ़ियों के विकसित होने के साथ-साथ छोटे होने लगे और आज इसका आकार बहुत ही छोटा हो गया है। कम्प्यूटर कंपनियां बदलती पीढ़ी के साथ नये-नये कामो को अंजाम देती है जैसे:- आकार मे परिवर्तन, गति मे परिवर्तन, नये आविष्कार आदि।

ये 1st gen से शुरु होकर आज 9th gen तक आ पहुँची है। कम्प्यूटर के क्षेत्र मे हो रहे निरंतर विकास को देखते हुए ये बोलना गलत नहीं होगा की वो दिन दुर नहीं है जब हम कम्प्यूटर को अपने साथ जेब मे लेकर चल सकेंगे और पहले से अधिक गति के साथ उसका उपयोग कर सकेंगे।

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इस पोस्ट Computer Generations in Hindi – कंप्यूटर की पीढ़ियां में आप जानेंगे कि कैसे समय के साथ कंप्यूटर टेक्नोलॉजी का विकास हुआ। आप जानकर हैरान होंगें, जिस आधुनिक कंप्यूटर को आज आप देखते है वह कभी एक कैल्कुलेटिंग डिवाइस हुआ करते थे। कहने का तात्पर्य है कंप्यूटर का जन्म मनोरंजन या ईमेल भेजने के लिये नही बल्कि एक गम्भीर संख्या संकट को हल करने की आवश्यकता के कारण हुआ था।

कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ | चौथी और पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर में अंतर

प्रथम पीढ़ी (First Generation)                 –           सन् 1946 से 1956 सन्
द्वितीय पीढ़ी (Second Generation)           –           सन् 1956 से 1964 सन्
तृतीय पीढ़ी (Third Generation)               –           सन् 1964 से सन् 1970
चतुर्थ पीढ़ी (Fourth Generation)             –           सन् 1970 से अब तक
पंचम पीढ़ी (Fifth Generation)                 –           भविष्य के कम्प्यूटर्स

Generation of computers : कंप्यूटर की पीढ़ी इस बात पर आधारित होती है कि कंप्यूटर में बड़े तकनीकी परिवर्तन कब होते हैं, जैसे वैक्यूम ट्यूब, ट्रांजिस्टर और माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग। 2020 तक कंप्यूटर की पांच पीढ़ियां हो गई हैं।

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर का उदाहरण

GenerationTypeYear
पहली पीढ़ी First Generation Computerवेक्यूम – ट्यूब – Vacuum – Tube1940 – 1956
दूसरी पीढ़ी Second generation computerट्रांजिस्टर -Transistors1956 – 1963
तीसरी पीढ़ी Third generation Computerएकीकृत सर्किट या आईसी – Integrated Circuit or IC1964 – 1971
चौथी पीढ़ी Fourth generation Computerएक सीपीयू का चित्रण Illustration of a CPU1972 – 2010
पांचवीं पीढ़ी Fifth generation Computerहोपबोट-Hopebot2010 से वर्तमान तक
छठी पीढ़ी Sixth generation Computerभविष्य की पीढ़ी / Future generationsआने वाले समय में

कंप्यूटर जनरेशन क्या है कंप्यूटर की सभी पीढ़ी की व्याख्या

1. प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर क्या है? First Generation of Computer in Hindi

कम्प्यूटरों की प्रथम पीढ़ी में सन 1946 से 1956 तक के कम्प्यूटर को लिया गया है। प्रथम इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर 1946 में अस्तित्व में आया था जिसका नाम इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिकल इंटीग्रेटर एंड कैलकुलेटर (ENIAC) था। इसका आविष्कार जे.पी.एकर्ट (J. P. Eckert) तथा जे. डब्ल्यू. मोश्ले (J. W. Mauchly) ने किया था। इस कम्प्यूटर में वैक्यूम ट्यूब का उपयोग किया गया था।

प्रथम पीढ़ी के कम्‍प्‍यूटरों के निम्‍नलिखित लक्षण:-

  • वैक्‍यूम ट्यूब का प्रयोग
  • पंचकार्ड पर आधारित
  • संग्रहण के लिए मैग्‍नेटिक ड्रम का प्रयोग
  • बहुत ही नाजुक और कम विश्‍वसनीय
  • बहुत सारे एयर – कंडीशनरों का प्रयोग
  • मशीनी तथा असेम्‍बली भाषाओं में प्रोग्रामिंग

2. कम्‍प्‍यूटरों की द्वितीय पीढ़ी (Second Generation Of Computers) :- 1956-1964

कम्प्यूटरों की द्वितीय पीढ़ी में सन 1956 से 1964 तक के कम्प्यूटर को लिया गया है। इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में ट्रांजिस्टर का उपयोग किया गया था जो वैक्यूम ट्यूव से काफी बेहतर थे। ट्रांजिस्टर इस पीढ़ी के कम्प्यूटर का मुख्य घटक था। आपको बता दें कि ट्रांज़िस्टर का अविष्कार विलियम शोकले (William Shokley) तथा उनकी सहयोगी वैज्ञानिक टीम ने 1947 में अमेरिका में किया था। द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर से आकार में छोटे हो गए|

द्वितीय पीढ़ी के कम्‍प्‍यूटरों के निम्‍नलिखित मुख्‍य लक्षण थे:-

  • वैक्‍यूम ट्यूब के बदले ट्रॉजिस्‍टर का उपयोग
  • अपेक्षाकृत छोटे एवं ऊर्जा की कम खपत
  • अधिक तेज एवं विश्‍वसनीय
  • प्रथम पीढ़ी की अपेक्षा कम खर्चीले
  • COBOL एवं FORTRAN जैसी उच्‍चस्‍तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं का विकास
  • संग्रहण डिवाइस, प्रिंटर एवं ऑपरेटिंग सिस्‍टम आदि का प्रयोग

3. तीसरी पीढ़ी के कम्प्यूटर क्या है ? Third generation Computer

कंप्यूटिंग में तीसरी पीढ़ी की अवधि 1965-1971 तक थी। इंटीग्रेटेड सर्किट (आईसी) का उपयोग ट्रांजिस्टर के बजाय तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में किया गया है। सर्किटरी के साथ, एक एकल आईसी में कई ट्रांजिस्टर, प्रतिरोधक और कैपेसिटर होते हैं। जैक किल्बी नाम के एक अमेरिकी इलेक्ट्रिकल इंजीनियर ने आईसी का आविष्कार किया था।

तीसरी पीढ़ी की मुख्य विशेषताएं हैं –

  • आईसी का इस्तेमाल
  • पिछली दो पीढ़ियों की तुलना में अधिक विश्वसनीय
  • छोटा आकार
  • कम गर्मी पैदा करना
  • और तेज
  • कम रखरखाव
  • महंगा
  • एसी की आवश्यकता
  • कम बिजली का उपभोग
  • उच्च स्तरीय भाषा का समर्थन

इस पीढ़ी के कुछ कंप्यूटर थे –

  • IBM-360 श्रृंखला
  • हनीवेल-6000 श्रृंखला
  • पीडीपी (व्यक्तिगत डेटा प्रोसेसर)
  • आईबीएम -370 / 168
  • TDC-316

4. चतुर्थ पीढ़ी के कम्प्यूटर क्या है? Fourth Generation of Computer in Hindi

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर की शुरुआत माइक्रोप्रोसेसर से हुई , जो की सिलिकोन से बनी एक चिप होती है जिस पर हजारो आई.सी. (IC) एक साथ लगी होती है | इस पीढ़ी के कंप्यूटर में GUI आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया जो की काम में लेने के लिए बहुत आसान था।

कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ – 1976 के आस-पास अन्य कम्पनीज़ ने भी इस प्रकार के कम्प्यूटर बना लिये, जिनमें से कुछ ने जीलॉग (Zilog) कम्पनी के 7-80 चिप लगाये। कैम्ब्रिज के वैज्ञानिक क्लाइव सिन्क्लेयर ने 1970 में एक छोटा और सस्ता कैलकुलेटर बनाया, जिसके आधार पर जापानियों ने पहले पॉकेट कैलकुलेटर बनाये जो आज घर-घर में पहुंच गये हैं। सिन्क्लेयन ने Zx-80 नाम का एक छोटा कम्प्यूटर बनाया जिसे रंगीन टी.वी. से जोड़कर स्क्रीन पर कम्प्यूटर के परिणाम देखे जा सकते थे। इस कम्प्यूटर पर अनेक प्रकार के खेल भी खेले जा सकते थे।

इस पीढ़ी के कम्‍प्‍यूटरों के निम्‍नलिखित मुख्‍य लक्षण हैं-

  • अतिविशाल स्‍तरीय एकीकरंण (Very Large Scale Integration) तकनीक का उपयोग।
  • आकार में अद् भुत कमी।
  • साधारण आदमी की क्रय-क्षमता के अंदर।
  • अधिक प्रभावशाली, विश्‍वसनीय एवं अद् भुत गतिमान।
  • अधिक मेमोरी क्षमता।
  • कम्‍प्‍यूटरों के विभिन्‍न नेटवर्क का विकास।

5. पाँचवी पीढ़ी के कम्प्यूटरक्या है? Fifth Generation of Computer in Hindi

कम्‍प्‍यूटरों की पंचम पीढ़ी (Fifth Generation of Computer) :- 1985 – अब तक

इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में VLSIC के स्थान पर ULSIC (Ultra Large Scal Integrated Circuit) चिप का माइक्रोप्रोसेसर के रूप में प्रयोग किया गया है। इस नई तकनीक से माइक्रोप्रोसेसर के आकार और कार्य करने की क्षमता में काफी बृद्धि हो गयी है जिससे इन कम्प्यूटर का उपयोग मूल रूप से Accounting, Engineering, Researches, Defense आदि क्षेत्र में किया जा रहा है।

पाँचवी पीढ़ी के कम्प्यूटर | Examples of Fifth Generation of Computer |5 जनरेशन ऑफ कंप्यूटर

  • Desktop
  • Laptop
  • Palmtop
  • NoteBook
  • UltraBook
  • Chromebook
  • Param (सुपर कम्प्यूटर)

वर्तमान पीढ़ी के कंप्यूटर में क्या प्रयोग होते हैं

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर ULSI (Ultra Large Scale Integration) Circuit तकनीक पर आधारित है।

चौथी और पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर में क्या अंतर है ?

इस पीढ़ी में इंटीग्रेटेड सर्किट का उपयोग अधिक दो होने लगा था और इस पीढ़ी वह सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट नामक एक छोटी चिप का आविष्कार हुआ था जिसको माइक्रो प्रोसेसर के नाम से भी जाना जाता है।

कंप्यूटर की पांचवीं पीढ़ी (Fifth Generation of Computer) 

Computer के आकार में बहुत ही बड़ी कमी :- Computer अतिरिक्त छोटा होकर लैपटॉप टेबलेट के रूप में बदलने लगे थे।

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