मजदूर दिवस या अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस 1 मई को दुनिया भर में मजदूरों के लिए प्रतिवर्ष मनाया जाता है। समाजवादी और मजदूर/श्रमिक संघ इस दिन को मज़दूरों की मज़दूरी और काम की परिस्थितियों में सुधार के लिए कार्यक्रम आयोजित करके मनाते हैं। 80 से अधिक देशों में मजदूर दिवस एक राष्ट्रीय अवकाश है।
अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस का इतिहास: मजदूर दिवस
4 मई, 1886 को शिकागो में हुई एक घटना से लेबर डे की उत्पत्ति हुई जो हेमार्केट ट्रेडमार्क के नाम से जानी जाती है। इस दिन मजदूरों ने आठ घंटे काम करने की मांग को लेकर हड़ताल की और शांतिपूर्ण रैली निकाली थी। रैली को तितर-बितर करने के लिए एक अज्ञात व्यक्ति ने पुलिस पर डायनामाइट बम फेंका, और उस बम विस्फोट से सात पुलिस अधिकारियों और कम से कम चार मजदूरों की मौत हो गई; दर्जनों अन्य घायल हो गए थे।मजदूरों और समाजवादियों द्वारा किए गए प्रयासों के बाद, अमेरिकन फेडरेशन ऑफ लेबर द्वारा 19 वीं शताब्दी के अंत में शिकागो में राष्ट्रीय सम्मेलन में मजदूरों के लिए आठ घंटे काम करने का कानूनी समय घोषित किया गया था।
शिकागो के उस विरोध को अब 1 मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत में पहला मजदूर दिवस 1 मई, 1923 को चेन्नई में मनाया गया था। जिसका आयोजन हिंदुस्तान की लेबर किसान पार्टी ने किया था।